कृषक उन्नति योजना : धान की बोनस राशि पाकर प्रदेश के किसानों में उत्साह का माहौल

कृषि क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा, किसानों की बढ़ेगी ऊपज और आर्थिक रूप से किसान होंगे समृद्ध
रायपुर । धान की बोनस राशि पाकर प्रदेश के किसानों में उत्साह का माहौलछत्तीसगढ़ के किसानों के लिए कृषक उन्नति योजना बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने विगत 12 मार्च को 24.72 लाख से अधिक किसानों के खाते में 13 हजार 320 करोड़ रूपए की राशि का अंतरण किया है। पूरे राज्य के किसानों में उत्साह का माहौल हैं। अब बाजारों में भी रौनकता छा गई है। किसान राशि का उपयोग खेती-बाड़ी के सामान खरीदने के साथ ही बच्चांे की पढ़ाई-लिखाई, बेटा-बेटी का शादी ब्याह करने के लिए राशि का बेहतर उपयोग कर रहे हैं।
बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के कोबिया गांव के किसान शैलेश वर्मा, मोहभट्ठा गांव के विनोद वर्मा, सगोनी के किसान लालसिह वर्मा और महेश कुमार साहू बहुत खुश है क्योंकि इनके खाते में अंतर की राशि आ गयी है। राज्य सरकार द्वारा अपने वादे के मुताबिक किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गई है। ख़रीफ़ में 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है जो कि अपने आप में रिकॉर्ड है। किसानों को धान की खरीदी के लिए सरकार ने एमएसपी दिया है तथा किए गए वादे के मुताबिक़ हर किसान को धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दिया गया। कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत एकमुश्त आदान सहायता राशि मिलने से जिले के किसान काफी खुश है। इसके लिए किसानों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया।
बलौदाबाजार जिले के ग्राम करमदा निवासी किसान नागमणी वर्मा ने कहा कि यह योजना बहुत लाभदायक है। लगभग 1 लाख रुपये की अंतर राशि खाते में एकमुश्त जमा हुई है। राशि का उपयोग मैं खेती किसानी को बढ़ाने एवं बच्चों के पढ़ाई में करूंगा। मेरे बच्चे अभी पढ़ाई करते हैं जिसके लिए उन्हें गृह ग्राम से दूर जाना पड़ता है। मैं इस राशि से अपने बच्चों के लिए वाहन लेना चाहता हूँ। जिससे उनके आवागमन में कोई समस्या ना हो। उन्होंने कहा कि सरकार हम किसान भाइयों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छी योजना लेकर आई है। हम सभी किसान वर्ग इससे बहुत खुश एवं उत्साहित हैं। गौरतलब है कि एक मुश्त राशि मिलने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। इससे किसानों को कई फायदे होंगें। उन्नत कृषि का बढ़ावा मिलेगा। कृषि उत्पादकता बढे़गी और किसान आर्थिक रूप से सशक्त एवं मजबूत होंगे।

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