निर्वाचन आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाताओं की संख्‍या बढ़ाने के लिए पहली बार, चुनिंदा जिलों के निगम आयुक्तों और जिला चुनाव अधिकारियों के साथ ‘मतदान में कम सहभागिता पर सम्मेलन’ आयोजित किया

लक्षित कार्यों के लिए 266 शहरी और ग्रामीण संसदीय क्षेत्रों के लिए टर्नआउट अमल योजना तैयार
नई दिल्ली। 2024 के आम चुनावों के लिए मतदान से पहले, भारत का निर्वाचन आयोग (ईसीआई) पिछले आम चुनावों में मतदाताओं की कम भागीदारी वाले संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों (पीसी) में मतदाता संख्‍या बढ़ाने के प्रयासों में तेजी ला रहा है। निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में आज आयोजित एक दिवसीय ‘मतदान में कम सहभागिता पर सम्मेलन’ में, प्रमुख शहरों के निगम आयुक्तों और बिहार व उत्‍तर प्रदेश के चुनिंदा जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) ने चिन्हित शहरी और ग्रामीण पीसी में मतदाताओं के चुनाव से जुड़ने और उनकी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक रास्ता तैयार करने के लिए एक साथ विचार-विमर्श किया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्तों श्री ज्ञानेश कुमार और श्री सुखबीर सिंह संधू ने की। इस अवसर पर आयोग द्वारा मतदाताओं की उदासीनता पर एक पुस्तिका का विमोचन किया गया।
लोकसभा के 2019 के आम चुनावों में 11 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों अर्थात् बिहार, उत्‍तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर व झारखंड में मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम था। 2019 में राष्ट्रीय औसत से कम मतदान वाले 11 राज्यों के कुल 50 ग्रामीण संसदीय क्षेत्रों में से 40 संसदीय क्षेत्र उत्‍तर प्रदेश (22 संसदीय क्षेत्र) और बिहार (18 संसदीय क्षेत्र) से हैं। यूपी में 51-फूलपुर संसदीय क्षेत्र में सबसे कम 48.7 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि बिहार में 29-नालंदा संसदीय क्षेत्र में सबसे कम 48.79 प्रतिशत मतदान हुआ।