बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं, कानून अपराध भी है

कोरिया। आगामी 10 मई को अक्ष्य तृतीया पर्व है हिंदुमान्यता के अनुसार इस अवसर पर कोई भी कार्य करने के लिए शुभ माना जाता है जिसके लिए किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है, जिस कारण इन पर्व के दिन बाल विवाह की संभावना को देखते हुए शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला बाल संरक्षण की टीम सक्रिय है।
बाल विवाह एक समाजिक बुराई ही नहीं, कानून अपराध भी है, जिसके लिए 18 वर्ष के पूर्व लड़की तथा 21 वर्ष से पूर्व लड़के का विवाह करना बाल विवाह की श्रेणी में आता है। जिसके लिए कानून में कठोर दंड का प्रावधान है। जिसके अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर-वधु के माता-पिता, विवाह में शामिल होने वाले सगे संबधियों ,बाराती, समाज, यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण शिशु मृत्यु दर के साथ-साथ बालिकाओं में एनीमिया तथा घरेलू हिंसा में वृद्वि होती है।
जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा संबधित विभागों एवं सर्व समाज के प्रमुखों, मैरिज हांल, प्रिंटिंग प्रेस के संचालकों, पंचायत के सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्यवाही किये जाने के निर्देश जारी किए गए है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि जिले में बाल विवाह कराए जाने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल उसकी सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई, परियोजना अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा थाना, चौकी प्रभारी, आपातकालीन नंबर 112 पर सूचना देकर बाल विवाह की रोकथाम में अपना सहयोग प्रदान करें।