दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं ने उत्साह के साथ किया घर बैठे मतदान

कवर्धा। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र अंतर्गत कबीरधाम जिले के दोनों विधानसभा के दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक बुजुर्ग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में भागीदारी निभाई। जिले के वरिष्ठ और दिव्यांगजनों ने उत्साह और उमंग के साथ वोट डालकर सहभागिता निभाई। सभी ने निर्वाचन आयोग द्वारा घर पर ही मतदान की सुविधा मिलने से अपनी खुशी व्यक्त करते हुए मतदान दल के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने जिलेवासियों से आगामी 26 अप्रैल को शत-प्रतिशत मतदान करने की अपील की।
राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के कबीरधाम जिले में 15 और 16 अप्रैल को मतदान दलों द्वारा घर-घर पहुंच कर पात्र मतदाताओं को मतदान करवाया गया एवं मतदाताओं ने पूर्ण उत्साह के साथ होम वोटिंग का लाभ उठाया। भारत निर्वाचन आयोग की इस पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने बुजुर्गों एवं दिव्यांग को होम वोटिंग की जो सुविधा दी है वह वास्तव में बहुत ही आरामदायक एवं सुविधाजनक है। उन्होंने आयोग के इस नवाचार की सराहना की।
85 वर्षीय बुजुर्ग ने की सराहना :
ग्राम निवासपुर निवासी फेकन बाई, ग्राम मानिकचौरी निवासी अवध साहू, रजनी साहू ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई घर बैठें वोटिंग की व्यवस्था सराहनीय है। इसी कारण आज हम अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएं है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के इस नवाचार की सराहना की।  
आयोग का नवाचार अभिनव :
घर बैठे वोटिंग करने वाले ग्राम गांगीबहरा निवासी बुजुर्ग साधुराम धुर्वे, ग्राम भीमपुरी निवासी राम निहोरा शर्मा, रामजी चंद्रवंशी ने कहा कि चुनाव आयोग का ये अभिनव नवाचार है जिससे घर बैठे मतदान की सुविधा मिली है। उन्होंने आयोग को इसके लिए धन्यवाद प्रेषित किया।  
वोट देने में मिली सुविधा :
दिव्यांग वोटर मनोज यादव ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की वजह से अब मतदान करने जाने वक्त परेशान नहीं होना पड़ेगा घर पे वोट देने की सुविधा होने से लाभ मिला है। निर्वाचन आयोग की घर पहुंच सुविधा ने हमे अपने मन पसंद मुखिया चुनने का अवसर दिया है। यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।
मतदान करना कर्तव्य नहीं बल्कि धर्म है :
ग्राम रमपुरा निवासी दुलेश्वर ने कहा कि मतदान करना उनका कर्तव्य नहीं बल्कि उनका धर्म है। हम सभी को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए, ताकि सबकी भागीदारी के साथ समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके।